छोटे कमरे में करें मशरूम की खेती, साल में हो सकती है 3 लाख तक इनकम
बेहतर कमाई के लिए मशरूम की खेती एक अच्छा विकल्प है। यह उन खेती में से एक है जिसके लिए लंबे-चौड़े खेतों की नहीं बल्कि एक कमरा ही काफी है। मशरूम की खेती में होने वाले फायदे को देखकर इन दिनों इसकी खेती में शहरी युवा भी खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। यही कारण है कि आजकर नए-नए तरीकों से मशरूम की खेती हो रही है। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही मशरूम उगाने के एक खास तरीके के बारे में जिनमें कुल खर्च का तीन गुना तक इनकम होती है। सालभर में आप सिर्फ एक कमरे में 3 से 4 लाख रुपए की इनकम आसानी से हो सकती है वह भी सिर्फ 50 से 60 हजार रुपए खर्च करने के बाद।
गेहूं से पैदा होने वाला मशरूम-(ओएस्टर मशरूम)
इस मशरूम को उगाने में गेहूं के भूसे और दानों दोनों का इस्तेमाल होता है। यह मशरूम 2.5 से 3 महीने में तैयार हो जाता है। ज्यादातर इसका उत्पादन पंजाब समेत उत्तर भारतीय राज्यों में होता है। इस मशरूम को सबसे पहले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनंत कुमार ने साल 2013 में उगाया था। प्रोफेसर अनंत कुमार अपनी इस विधि का अब पेटेंट कराने जा रहे हैं.
50रुपए प्रति किलोग्राम की लागत
प्रो. अनंत कुमार के अनुसार एक किलोग्राम मशरूम को तैयार करने में लगभग 50 रुपए का खर्च(यदि भूसा, गेहूं आदि सब सामान खरीदा जाए) आता है। इसके तहत 15 किलोग्राम मशरूम बनाने के लिए 10 किलोग्राम गेहूं के दानों की आवश्यकता होती है। यदि आप एक बार में 10 क्विंटल मशरूम उगा लेते हैं तो आपका कुल खर्च 50 हजार रुपए आता है। इसके लिए आपको 100 वर्गफीट के एक कमरे में रैक जमानी होगी।
10 ग्राम लगता है बीज
सबसे पहले गेहूं को उबाला जाता है और इस पर मशरूम पाउडर डाला जाता है, जिससे मशरूम का बीज तैयार हो जाता है। इसे तीन महीने बाद गेहूं के ये दाने मशरूम के रूम में अंकुरित होने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद इन्हें 20 से 25 दिनों के लिए पॉलीथीन में डालकर 25 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान वाले कमरे में रखा जाता है। इसके बाद मशरूम बिकने के लिए तैयार होता है।
रीटेल स्टोर से कर सकते हैं करार
ओइस्टर मशरूम की देश में सबसे अधिक मांग है। ब्रांडेड स्टोर पर भी सबसे ज्यादा ओइस्टर मशरूम ही बिकता है। इस मशरूम के दाम कम से कम 150 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम मिलते हैं। यदि आप बेहतर मार्केटिंग कर किसी रिटेल स्टोर से करार कर सकते हैं तो दाम और भी बेहतर मिल सकते हैं। कम से कम 150 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 10 क्विंटल मशरूम की कीमत 150000 रुपए होती है। ऐसे में मशरूम साल में दो बार पैदा किया जाए तो यह रकम आसानी से दोगुनी यानी 3 लाख रुपए तक पहुंच जाती है।
पंजाब में भारत का कुल 40 फीसदी मशरूम उत्पादन
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में ही सबसे पहले 1987 में खाद्य मशरूम की खेती शुरू हुई थी। भारत में करीब 15000 टन प्रति वर्ष मशरूम का उत्पादन होता है। लेकिन, हरियाणा और पंजाब दोनों राज्य कुल मिलाकर इस क्षमता का 60 फीसदी से ज्यादा मशरूम उत्पादन करते हैं। इसमें से भी करीब 40 फीसदी हिससेदारी अकेले पंजाब की है। यहां तकरीबन 6000 टन मशरूम उत्पादन होता है। पिछले दो सालों में पंजाब में मशरूम के उत्पादन में 50 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है। भारत का मशरूम निर्यात कोटा लगभग 4000 टन सालाना है। सबसे ज्यादा निर्यात भारत से अमेरिका को किया जाता है।
गेहूं से पैदा होने वाला मशरूम-(ओएस्टर मशरूम)
इस मशरूम को उगाने में गेहूं के भूसे और दानों दोनों का इस्तेमाल होता है। यह मशरूम 2.5 से 3 महीने में तैयार हो जाता है। ज्यादातर इसका उत्पादन पंजाब समेत उत्तर भारतीय राज्यों में होता है। इस मशरूम को सबसे पहले हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनंत कुमार ने साल 2013 में उगाया था। प्रोफेसर अनंत कुमार अपनी इस विधि का अब पेटेंट कराने जा रहे हैं.
50रुपए प्रति किलोग्राम की लागत
प्रो. अनंत कुमार के अनुसार एक किलोग्राम मशरूम को तैयार करने में लगभग 50 रुपए का खर्च(यदि भूसा, गेहूं आदि सब सामान खरीदा जाए) आता है। इसके तहत 15 किलोग्राम मशरूम बनाने के लिए 10 किलोग्राम गेहूं के दानों की आवश्यकता होती है। यदि आप एक बार में 10 क्विंटल मशरूम उगा लेते हैं तो आपका कुल खर्च 50 हजार रुपए आता है। इसके लिए आपको 100 वर्गफीट के एक कमरे में रैक जमानी होगी।
10 ग्राम लगता है बीज
सबसे पहले गेहूं को उबाला जाता है और इस पर मशरूम पाउडर डाला जाता है, जिससे मशरूम का बीज तैयार हो जाता है। इसे तीन महीने बाद गेहूं के ये दाने मशरूम के रूम में अंकुरित होने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद इन्हें 20 से 25 दिनों के लिए पॉलीथीन में डालकर 25 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान वाले कमरे में रखा जाता है। इसके बाद मशरूम बिकने के लिए तैयार होता है।
रीटेल स्टोर से कर सकते हैं करार
ओइस्टर मशरूम की देश में सबसे अधिक मांग है। ब्रांडेड स्टोर पर भी सबसे ज्यादा ओइस्टर मशरूम ही बिकता है। इस मशरूम के दाम कम से कम 150 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम मिलते हैं। यदि आप बेहतर मार्केटिंग कर किसी रिटेल स्टोर से करार कर सकते हैं तो दाम और भी बेहतर मिल सकते हैं। कम से कम 150 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 10 क्विंटल मशरूम की कीमत 150000 रुपए होती है। ऐसे में मशरूम साल में दो बार पैदा किया जाए तो यह रकम आसानी से दोगुनी यानी 3 लाख रुपए तक पहुंच जाती है।
पंजाब में भारत का कुल 40 फीसदी मशरूम उत्पादन
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में ही सबसे पहले 1987 में खाद्य मशरूम की खेती शुरू हुई थी। भारत में करीब 15000 टन प्रति वर्ष मशरूम का उत्पादन होता है। लेकिन, हरियाणा और पंजाब दोनों राज्य कुल मिलाकर इस क्षमता का 60 फीसदी से ज्यादा मशरूम उत्पादन करते हैं। इसमें से भी करीब 40 फीसदी हिससेदारी अकेले पंजाब की है। यहां तकरीबन 6000 टन मशरूम उत्पादन होता है। पिछले दो सालों में पंजाब में मशरूम के उत्पादन में 50 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है। भारत का मशरूम निर्यात कोटा लगभग 4000 टन सालाना है। सबसे ज्यादा निर्यात भारत से अमेरिका को किया जाता है।
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