रिक्शे वाले से IAS तक
रिक्शे वाले से IAS तक
IAS Topper Interview in Hindi
दोस्तों हम आपके साथ शेयर कर रहे है IAS Topper Interview in Hindi | रिक्शे वाले से IAS तक . India की सबसे कठिन समझे जाने वाला Exam है IAS हज़ारो students कई साल तक IAS की तयारी करते हैं और असफल रहते है . Govind Jaiswal ji ने IAS Exam पहले ही attempt में 47 वि rank के साथ Clear किया.
Govind Jaiswal ji का बचपन वनारस के छोटे से घर में बीता. उनके पिता एक रिक्शा चलाते थे . एक कमरे के घर में वह अपने माता पिता और ३ बहनो के साथ रहते थे . उनके घर में न तो पढ़ाई का कोई माहौल था , न ही सुविधा .
उनके घर में कोई भी पड़ा लिखा नहीं था . अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए बचपन से ही Govind जी ने tuition पढना शुरू कर दिया . पर उस समय तक उन्हें IAS बनना है ये सोचा भी नहीं था .
एक दिन वह अपने घर के पास में बच्चो के साथ खेलते हुए, उनमे से एक लड़के के घर में चले गए . वाह उस लड़के पिता ने इनसे कहा ” तेरी हिम्मत कैसे हुई हमारे घर में आने की , तू चाहे जितना भी पढ़ ले पर चलाएगा तो रिक्शा ही .तू चाहे तो अपने पिता की बिज़नस को थोड़ा और बढ़ देगा और एक रिक्शा और खरीद लेगा .
यहाँ से शुरू हुई गोविन्द जी की IAS बनने का सफर . उसी दिन उन्होंने सोच लिया कुछ ऐसा करना है की सब मेरी और मेरी Family का आदर करे .
उन्होंने अपनी पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से की और जिस जगह उनका घर था वहां जनरेटर का और आस पास का इतना शोर गुल रहता था की गोविन्द जी को कान में रुई लगनी पढ़ती . और वह रात को पढ़ते , पर रात को लाइट न होने पर लैंप , डिबरी में ही पढ़ना पढता .
IAS की तयारी के लिए Govind जी के पिता ने अपनी जमीन बेच दी और उससे मिले 40000 रुपए से गोविन्द ने Delhi मेंIAS की Coaching की .
और अपने पहले ही प्रयास में year 2006 में 23 साल के गोविन्द ने 48 वि रैंक प्राप्त की Civil Services Exam में सफल 474 लोगो के बीच .
यहाँ से शुरू हुई गोविन्द जी की IAS बनने का सफर . उसी दिन उन्होंने सोच लिया कुछ ऐसा करना है की सब मेरी और मेरी Family का आदर करे .
उन्होंने अपनी पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से की और जिस जगह उनका घर था वहां जनरेटर का और आस पास का इतना शोर गुल रहता था की गोविन्द जी को कान में रुई लगनी पढ़ती . और वह रात को पढ़ते , पर रात को लाइट न होने पर लैंप , डिबरी में ही पढ़ना पढता .
IAS की तयारी के लिए Govind जी के पिता ने अपनी जमीन बेच दी और उससे मिले 40000 रुपए से गोविन्द ने Delhi मेंIAS की Coaching की .
और अपने पहले ही प्रयास में year 2006 में 23 साल के गोविन्द ने 48 वि रैंक प्राप्त की Civil Services Exam में सफल 474 लोगो के बीच .
Govind जी का कहना है ” अगर आप अपने पर विश्वास करते है तो कोई भी आपके सपनो को पूरा होने से नहीं रोक सकता “
आपका आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ही IAS में सफल होने का सूत्र है.
आपका आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ही IAS में सफल होने का सूत्र है.
Govind Jaiswal Interview IAS
Interview Question 1 – क्या आपको आज भी वह दिन याद है जब आपको दूसरे बच्चो के साथ खेलने से मना कर दिया गया था
Answer – वह मेरी ज़िन्दगी का Turning point था . एक बार में खेलते हुए अपने दोस्त के घर चला गया , मेरे दोस्त के पापा ने मुझसे कहा की तुम्हारे जैसे परिवार के लड़के को हमारे घर आने की हिम्मत कैसे हुई आये . यह बात मेरी समझ नहीं आयी फिर कुछ समय बाद मैंने यह बात अपने एक विशिस्थ व्यक्ति से पूछी तो उन्होंने बताया की तुमरे जो परिवार की background है उसकी वजह से उन्होंने ऐसा कहा , फिर मैंने उनसे पूछा की background कैसे बदलते हैं उन्होंने मुझे बताया की background बदलने के लिए तुम कुछ ऐसा कर लो की उससे ऊपर जाने की कोई न सोचे .
उन्होंने ही मुझे बताया की अगर तुम IAS बन जाओ तो इस देश में उससे उची Job कोई नहीं है . उसी दिन मैंने IAS बनने की सोच लिया और UPSC का Exam पहले ही attempt में clear कर लिया
Answer – वह मेरी ज़िन्दगी का Turning point था . एक बार में खेलते हुए अपने दोस्त के घर चला गया , मेरे दोस्त के पापा ने मुझसे कहा की तुम्हारे जैसे परिवार के लड़के को हमारे घर आने की हिम्मत कैसे हुई आये . यह बात मेरी समझ नहीं आयी फिर कुछ समय बाद मैंने यह बात अपने एक विशिस्थ व्यक्ति से पूछी तो उन्होंने बताया की तुमरे जो परिवार की background है उसकी वजह से उन्होंने ऐसा कहा , फिर मैंने उनसे पूछा की background कैसे बदलते हैं उन्होंने मुझे बताया की background बदलने के लिए तुम कुछ ऐसा कर लो की उससे ऊपर जाने की कोई न सोचे .
उन्होंने ही मुझे बताया की अगर तुम IAS बन जाओ तो इस देश में उससे उची Job कोई नहीं है . उसी दिन मैंने IAS बनने की सोच लिया और UPSC का Exam पहले ही attempt में clear कर लिया
Interview Question 2- घर के हालात कैसे थे ?
Answer– हालात जैसे भी थे पर हम किसी से compare नहीं करते थे . बस प्रॉब्लम बहुत होती थी एक ही कमरे में 5 लोग सब एक साथ रहते थे .
Interview Question 3-दूसरे लोगो को देखकर बुरा लगता था ?
Answer – हाँ लगता तो था कभी कभी मन में आता था की अच्छे कपडे मिले ,हमें होली पर साल में 1 बार कपडे मिलते थे बाकि लोगो को साल में 5-6 कपडे मिल जाते थे . पर यही छोटी छोटी बातें आगे बढ़ने को encourage भी करती थी .
Answer– हालात जैसे भी थे पर हम किसी से compare नहीं करते थे . बस प्रॉब्लम बहुत होती थी एक ही कमरे में 5 लोग सब एक साथ रहते थे .
Interview Question 3-दूसरे लोगो को देखकर बुरा लगता था ?
Answer – हाँ लगता तो था कभी कभी मन में आता था की अच्छे कपडे मिले ,हमें होली पर साल में 1 बार कपडे मिलते थे बाकि लोगो को साल में 5-6 कपडे मिल जाते थे . पर यही छोटी छोटी बातें आगे बढ़ने को encourage भी करती थी .
Interview Question 4– जब आप ज़्यादा पढ़ते थे तो आस पास के लोग आपको discourage भी करते थे ?
Answer-बहुत ज़्यादा करते थे . मेरी बहन से लोग कहते तुम्हे तो बर्तन धोने चाहिए तुम क्यों पढ़ती लिखती हो , हमसे कहते तुम एक रिक्शे की जगह २ रिक्शे रख लोगो तुम भी रिक्शा ही चलोगे .
Answer-बहुत ज़्यादा करते थे . मेरी बहन से लोग कहते तुम्हे तो बर्तन धोने चाहिए तुम क्यों पढ़ती लिखती हो , हमसे कहते तुम एक रिक्शे की जगह २ रिक्शे रख लोगो तुम भी रिक्शा ही चलोगे .
Interview Question 5-गुस्सा नहीं आता था इन बातो पर ?
Answer-आता तो था पर कर क्या सकते थे . वह सब पढ़ाई में लगता गया गुस्सा
Answer-आता तो था पर कर क्या सकते थे . वह सब पढ़ाई में लगता गया गुस्सा
Interview Question 6-खर्च कैसे मैनेज किया अपने IAS की तयारी के लिए
Answer-मेरी बहन अपने सुसराल वालो से लड़कर मुझे सपोर्ट करती थी . किसी को भी विश्वास नहीं तह की में आईएएस निकल लूंगा केवल मेरी बहनो को छोड़कर
Answer-मेरी बहन अपने सुसराल वालो से लड़कर मुझे सपोर्ट करती थी . किसी को भी विश्वास नहीं तह की में आईएएस निकल लूंगा केवल मेरी बहनो को छोड़कर
गोविन्द जी की बहन का कहना है की गोविन्द हमेशा कहता था की आभाव ग्रस्त व्यक्ति हमें और मजबूत बना देता है Question.अगर ” आपका IAS में नहीं हुआ ” ऐसा सोचकर कभी डर लगता था ?
Answer–उस समय हमारी हालात बहुत ख़राब थी रोटी भी पानी लगाकर कहते थे . उसको भी सँभालते किसी तरह .
Answer–उस समय हमारी हालात बहुत ख़राब थी रोटी भी पानी लगाकर कहते थे . उसको भी सँभालते किसी तरह .
गोविन्द जैस्वाल की लाइफ एक मिशाल है उन लोगो के लिए जो जीवन में कुछ करना चाहते थे
बहाने तो सब बना लेते हैं …सफलता की कहानी कोई कोई बना पता है
बहाने तो सब बना लेते हैं …सफलता की कहानी कोई कोई बना पता है
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