Economical " Surgical Strike " Of PM Narendar Modi
8 नवम्बर 2016 को रात 8 बजे , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन करते हुए 500 और 1000 रूपए के नोट पर प्रतिबंध लगा दिया , जिससे सम्पूर्ण देश में खलबली मच गयी , खासकर विरोधी राजनैतिक पार्टियों में !जिसमे "तृणमूल कांग्रेस पार्टी " ( पश्चिम बंगाल ) की मुखयमंत्री " ममता बनर्जी और दिल्ली के ( आम आदमी पार्टी ) के मुखयमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सबसे अधिक परेशानी हुई !जंहाँ एक ओर ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द अपना फैसला वापस लेने की सलाह दे डाली, वंही दूसरी ओर अरविन्द केजरीवाल को प्रधानमंत्री का प्रोजेक्ट ही समझ में नहीं आया !!
कई राजनैतिक पार्टियाँ प्रधानमंत्री के इस आकस्मिक फैसले का विरोध कर रही थी तो वंही दूसरी ओर गरीब जनता इस दिन को त्यौहार के रूप में मना रही थी !
एक सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद देश चार भागों में विभाजित हो गया !
1. राजनैतिक पार्टियां एवं उनके कार्यकर्त्ता
इसमें देश के 10% लोगों को माना जाता है जो प्रधानमंत्री के फैसले का विरोध कर रहे है , कहा जाता है कि इन लोगो के पास देश के कुल काले धन का 50 से 60 % भाग है , जिसके कारण इन लोगो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ! जिसके कारण ये लोग प्रधानमंत्री के फैसले का विरोध कर रहे है।
2. कला व्यापर करने वाले लोग
इसमें देश के 5 % लोग ऐसे है जो कंही न कंही काले व्यापर करने वाले लोगो से जुड़ कर कार्य कर रहे है, इनके पास काले धन का कुल 30 से 40 % भाग है , जिसके कारण ये लोग भी प्रधानमंत्री के फैसले से सहमत नहीं है और जनता को बहका कर प्रधानमंत्री के फैसले का विरोध कर रहे है।
3. आम जनता
इसमें देश की कुल जनसंख्या का 50 से 60 % लोग है , इसमें छोटे उद्दमी , सरकारी तथा प्राइवेट नोकरी करने वाले लोग आते है , जिनके पास किसी प्रकार का कोई काला धन तो नहीं है लेकिन ये लोग ये मानते है कि प्रधानमंत्री के इस फैसले से इनका दैनिक जीवन अवश्य प्रभावित हुआ , पर ये लोग प्रधानमंत्री के फैसले का विरोध न करके , प्रधानमंत्री के फैसले को स्वीकार कर रहे हैं और इनका मानना है कि कुछ दिनों में स्थित सामान्य हो जाएगी।
4. गरीब जनता
इसमें देश के कुल 30 से 40 % लोग आते हैं , इसमें अधिकतर लोग ग्रामीण क्षेत्र के होते है , जो मजदूरी , सब्जी बेचने , चाय वाले जैसे लोग होते है ,ये लोग प्रधानमंत्री के फैसले से इतना उत्साहित है और फैसले का ऐसे स्वागत कर रहे है , जैसे कोई बहुत बड़ा त्योहार आने वाला हो ! कुछ लोग तो ये भी बोलते है कि "असल में देश अब आजाद हुआ है , अभी तक हम अंग्रेजो के तो नहीं पर अमीरों के गुलाम थे "
किसने क्या कहा .... ??
अरविन्द केजरीवाल " मुझे तो ये समझ में नही आ रहा कि प्रधानमंत्री 500 और 1000 के नोट बैन करके ब्लैक मनी रोकेंगे कैसे ?? "
वैसे आपको बता दूँ कि 12 नवंबर 2016 को केजरीवाल , प्रधानमंत्री के नोट बैन को लेकर दिल्ली की एक मंडी में व्यापारियों से मिलने गए थे , पर व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हुये "केजरीवाल गो बैक " के नारे लगाने शुरू कर दिया जिसके कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री ' अरविन्द केजरीवाल ' को वँहा से निकलना पड़ा था !
राहुल गाँधी " मोदी जी ने नोट बदलने का फैसला जल्दबाजी में लिया , गरीबों का ख्याल नहीं रखा "
राहुल गाँधी अपनी प्रतिकिर्या देने के बाद खुद बैंक जाकर लाइन में खड़े होकर 4 हजार रुपये बदलवाये !
अखिलेश यादव " कला धन रोकने का यह स्थीय रास्ता नहीं है "
अखिलेश ने नोट बदलने को लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा ।
ममता बनर्जी " मोदी ने ये फैसला बहुत जल्दी में ले लिया है , इससे गरीब जनता को खासी परेशानी होगी , मोदी को नोट बदलने का फैसला वापस लेना होग।
इन्होंने ने तो संसद भवन को भी घेरने की तैयारी कर ली !
मयावती " मोदी ने देश की गरीब जनता को लूटने का कार्य किया है , देश में आर्थिक संकट ला दिया !
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