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जय भीम जय भारत Dr. B.R Ambedkar Interesting Facts in Hindi बाबासाहेब बी आर अम्बेडकर के बारे में कुछ रोचक तथ्य  Fact 1:  भीमराव अंबेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे। Fact 2:  डॉ. अंबेडकर के पूर्वज काफी समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में एम्प्लोयेड थे और उनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में Mhow cantonment में तैनात थे। Fact 3:  डॉ. अम्बेडकर का मूल या ओरिजिनल नाम था अम्बावाडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव अम्बेडकर, जो उन्हें बहुत मानते थे, ने स्कूल रिकार्ड्स में उनका नाम अम्बावाडेकर से अम्बेडकर कर दिया। Fact 4:  बाबासाहेब मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दो साल तक प्रिंसिपल पद पर कार्यरत रहे। Fact 5:  डॉ. बी. आर अम्बेडकर भारतीय संविधान की धारा 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है के खिलाफ थे। Fact 6:  बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे। Fact 7:  डॉ. अम्बेडकर बाद के सालों में डायबिटीज से बुरी तरह ग्रस्त थे। Fact 8:  डॉ. अम्बेडकर ही एक मात्...

अक्षय पात्र फाउण्डेशन – ताकि भूख ना रोक सके पढ़ाई

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Akshaya Patra Foundation in Hindi Hello friends, मैं  हूँ  khayalrakhe.com  से  Babita Singh  और आज मैं आपसे  Akshaya Patra Foundation  के बारे में बताना चाहती हूँ जो दुनिया के सबसे बड़े  lunch program द्वारा भारत में सुविधा से वंचित बच्चों को mid day meal उपलब्ध करा  रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा School Lunch Program : अक्षय पात्र बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी स्कूलों में बच्चों  की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और बहुत हद्द तक इसका श्रेय जाता है अक्षय पात्र फाउण्डेशन  को जिसने न केवल पेट भरने के लिए कठोर श्रम करने वाले बच्चों के छोटे – छोटे हाथों में कागज पेंसिल  थमाई बल्कि उनके लिए ताजा और पौष्टिक खाना भी बनाया।इस संस्था का एकमात्र vision है कि – ‘भारत का कोई भी बच्चा भूख की वजह से शिक्षा से वंचित नहीं होगा’। अक्षय पात्र का अर्थ अक्षय पात्र का जिक्र हिन्दू ग्रंथ महाभारत में मिलता है। इस पात्र की खास बात यह थी कि इसका खाना कभी खत्म नहीं होता था। अक्षय पात्र नाम वहीँ से लिया गया है और उस दिव्य पात्र के...

कभी 2 रुपये कमाने वाली कल्पना सरोज ने खड़ी की 500 करोड़ की कम्पनी

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कल्पना सरोज के सफलता की कहानी  Kalpana Saroj Success Story in Hindi कहानी थोड़ी फ़िल्मी है लेकिन है सौ फीसदी सच्ची। कल्पना सरोज जी का जीवन ‘‘स्लमडॉग मिलेनियर’’ फिल्म को यथार्थ करता हुआ नजर आता है। Kalpana Saroj की कहानी उस दलित पिछड़े समाज के लड़की की कहानी है जिसे जन्म से ही अनेकों कठिनाइयों से जूझना पड़ा, समाज की उपेक्षा सहनी पड़ी, बाल-विवाह का आघात झेलना पड़ा, ससुराल वालों का अत्याचार सहना पड़ा, दो रुपये रोज की नौकरी करनी पड़ी और उन्होंने एक समय खुद को ख़त्म करने के लिए ज़हर तक पी लिया, लेकिन आज वही कल्पना सरोज 500 करोड़ के बिजनेस की मालकिन है। आइये जानते हैं कल्पना सरोज के बेहद inspiring life journey के बारे में। पारिवारिक पृष्ठभूमि: सन 1961 में महाराष्ट्र के अकोला जिले के छोटे से गाँव रोपरखेड़ा के गरीब दलित परिवार में कल्पना का जन्म हुआ। कल्पना के पिता एक पुलिस हवलदार थे और उनका वेतन मात्र 300 रूपये था जिसमे कल्पना के 2 भाई – 3 बहन , दादा-दादी, तथा चाचा जी के पूरे परिवार का खर्च चलता था। पुलिस हवलदार होने के नाते उनका पूरा परिवार पुलिस क्वार्टर में रहता था।कल्पना जी ...

एक सफल ब्लॉग शुरू करना है तो इन 7 बातों का रखें ध्यान

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कैसे बनें एक सफल ब्लॉगर? “पैसा” हर किसी की ज़रूरत है। पैसा ही वो  main driving force है जो लगों को jobs या business करने के लिए inspire और बहुत मामलों में force करता है। वैसे तो पैसे कमाने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे तरीके हैं जो आपको पैसे के साथ-साथ अपना interest भी pursue करने का मौका देते हैं। और उन्ही में से तरीका है – BLOGGING. Blogging में एक सफल career आपको क्या-क्या फायदे देता है: अच्छी income, वो भी बिना बॉस के प्रेशर के। कभी भी और कहीं से भी काम करने का freedom, आपको बस एक laptop और internet connection चाहिए, और कुछ लोग तो मोबाइल या टैब से भी काम चला लेते हैं। बहुत से सफल ब्लोगर्स देश के छोटे-छोटे शहरों से काम करते हैं। एक अच्छी feeling, जो आपको लोगों को हेल्प करने से आती है। Infinite growth potential…इसमें आप बहुत अधिक ग्रो कर सकते हैं। इन फायदों को देखकर कोई भी ब्लॉगिंग में करियर बनाने के लिए excited हो सकता है, लेकिन एक सच ये भी है कि इस फील्ड में सफलता का ratio बहुत कम है। हर रोज हज़ारों नए blogs बनते हैं और अब इनकी कुल संख्या करोड़ों में है,...

Blogging से पैसे कमाने का वो तरीका जो शायद आप नहीं जानते!

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जिसका जितना ज्यादा traffic उसको उतने ज्यादा पैसे। हालांकि, ये एकदम से directly proportional नहीं है…क्योंकि आपकी कमाई इसपर भी निर्भर करती है कि आप किस niche में हैं। Hindi Blogs से अच्छे पैसे कमाने के लिए बहुत अधिक traffic चाहिए। और चूँकि Motivation वाली niche में already बहुत से players आ चुके हैं इसलिए competition बहुत है और किसी नए player के लिए जगह बनना इतना आसान नहीं…., of course जगह बनायीं जा सकती है…पर इसमें समय और मेहनत बहुत लगेगी। और बहुत अधिक traffic क्यों चाहिए… क्योंकि इस तरह के Hindi Blogs पर cost per click (CPC), यानि एक click के बदले मिलने वाला  पैसा बहुत कम है… बस 2-3 रुपये, या उससे भी कम। और CPC इसलिए कम है क्योंकि Net पर Hindi में advertise करने वालों की कमी है…मतलब advertisers के बीच competition नहीं है कि उनका ऐड किसी अच्छी Hindi website पर अच्छे spot पर दिखाया जाये। और advertisers के बीच competition कब होगा…. ये कहा नहीं जा सकता…हालाँकि, I am very optimistic कि कभी न कभी ऐसा होगा ज़रूर। तो ये तो हो गया थोड़ा सा background, अब आते हैं असल मुद्दे पर : ...